माना जाता है कि इनकी आत्मा आज भी हमारी सरहद की रक्षा करती है। इनके नाम के आगे शहीद नही लगाया जाता। क्योंकि ये आज भी ड्यूटी पर हैं। इन्हें प्रमोशन भी मिलता है। राइफलमैन से आज मेजर जनरल बन गए हैं। सैनिकों का मानना है कि जसवंत सिंह सेना का मार्गदर्शन करते हैं, सोये सैनिकों को जगा देते हैं। जसवंत सिंह ने जहाँ अपनी अंतिम लड़ाई लगी उस जगह उनका एक मंदिर बनाया गया है। जिसमें सेना के 4 जवान हमेशा तैनात रहते हैं।
नमन है इनकी वीरता को...
jai hind
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