कोरोना का हाहाकार

दम तोड़ती जिंदगी, कोई बचा ले..

कोरोना महामारी की इस दूसरी लहर में न जाने कितनी जिंदगियाँ मौत के आबोश में चली है। न जाने कितने ही परिवार के परिवार खत्म हो गए, कोई रोने वाला नही बचा। 
लेकिन न सिस्टम जागा, और न ही हमारा समाज। मरीजों को न ऑक्सीजन मिल पा रहा है न इलाज। सरकारों से उम्मीद अब बची नही है। मौत के तांडव को जनता ही रोक सकती है। जनता अपने और अपने लोगों को बचाये। 

Comments